माँ बगलामुखी धाम, कादेड़ा, चाकसू, जयपुर पर विशेष आध्यात्मिक आराधना के दिन मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और प्रत्येक माह की अष्टमी है।
माँ बगलामुखी की कृपा से जीवन के हर संकट का समाधान संभव है।
हर मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और अष्टमी को माँ बगलामुखी धाम में भक्तों के लिए विशेष आरती, हवन और शक्ति आराधना की व्यवस्था की जाती है। इन दिनों माँ की उपासना से विशेष फल प्राप्त होता है।
जिन भक्तों के जीवन में संकट, नेगेटिव एनर्जी, ऊपरी प्रकोप, तंत्र प्रयोग, या अन्य असामान्य समस्याओं का प्रभाव है, उन्हें माँ के दरबार में आकर राहत मिलती है। माँ के दर्शन एवं अनुष्ठान / हवन मात्र से उनके सभी संकटों का समाधान होता है।
माता की विशेष कृपा प्राप्त करने और जीवन में चल रहे संकटों के समाधान हेतु नारियल समर्पण विधि का प्रयोग किया जा सकता है।
इस प्रयोग को करने की प्रक्रिया:
- एक सूखा नारियल लें।
- उसे अपने घर में चारों ओर घुमाएँ (पूरा घर शुद्ध करने हेतु)।
- फिर नारियल को अपने ऊपर 21 बार घुमाएँ (ऊपरी बाधाओं के निवारण हेतु)।
- इसके पश्चात इस नारियल को अपने तकिये के नीचे रखकर सो जाएँ।
इसके बाद इस नारियल को लेकर आप माँ बगलामुखी धाम पर आएँ:
- पहले माँ बगलामुखी के दर्शन करें और अर्जी लगाएँ।
- एक माला “ॐ ह्लीं बगलामुखी ह्लीं फट स्वाहा” मंत्र की करें।
- माँ की 6 परिक्रमा करें।
- काशी आशुतोष महाराज के दर्शन करें।
- प्रेत सरकार के दर्शन करें और अगरबत्ती, 5 बताशे, बर्फी, काला भूत इत्र चढ़ाकर प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
- बाबा क्रोध भैरव योगिनी सहित के दर्शन करें और अगरबत्ती, चार मोदक/लड्डू अर्पित करें तथा अपनी बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
- अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए माँ का ध्यान लगाकर नारियल को विशेष हवन में आहुति स्वरूप समर्पित करें।
इसके पश्चात मंदिर में बैठकर माता की आराधना करें। यह प्रक्रिया माँ की विशेष कृपा प्राप्त करने हेतु अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।
श्रद्धानुसार साथ लाएँ: माता जी के श्रृंगार का सामान, फल, मिठाई।
समय: प्रातः 9:00 बजे से 12:00 बजे तक एवं दोपहर 4:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक।