ॐ बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पादं स्तम्भय
जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ॐ स्वाहा।
माँ बगलामुखी के 12 दिव्य नाम
- बगलामुखी
— शत्रुओं को स्तम्भित करने वाली।
- पीताम्बरा
— पीत वस्त्र धारण कर पीत ज्योति देने वाली।
- दुष्ट-स्तम्भिनी
— दुष्ट शक्तियों का नाश कर उन्हें रोकने वाली।
- वाणी-स्तम्भिनी
— विपक्षियों की वाणी को शांत करने वाली।
- कीलिनी
— नकारात्मक ऊर्जा को कीलने (निष्क्रिय करने) वाली।
- विवेकदायिनी
— साधक को बुद्धि व विवेक प्रदान करने वाली।
- शत्रुनाशिनी
— मन, कर्म और जीवन के शत्रुओं का नाश करने वाली।
- संकटनाशिनी
— बाधाएँ, कोर्ट-कचहरी, रोग-शोक दूर करने वाली।
- पीतज्योतिस्वरूपा
— पीत प्रभा से साधक का मार्ग प्रकाशित करने वाली।
- परित्राणकरी
— अपने भक्तों का संरक्षण करने वाली।
- सुदर्शनप्रदा
— विजय, मान-सम्मान एवं यश देने वाली।
- वरदायिनी
— भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करने वाली।
जय माँ बगलामुखी:
जय पीताम्बरा जय स्तम्भिनी देवी
माँ बगलामुखी साधक की रक्षा करती हैं, शत्रुओं का स्तम्भन करती हैं तथा न्याय, विजय और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती हैं। जो भी भक्त “माँ बगलामुखी मंत्र लेखन” करता है, उसके जीवन में बाधाएँ शांत होती हैं और मन में स्थिरता उत्पन्न होती है।
मंत्र लेखन के लाभ
नकारात्मक शक्तियों से रक्षा शत्रु-विघ्न एवं बाधाओं का नाश, वाणी में प्रभाव और सत्य की विजय, मन और चित्त की स्थिरता कार्यों में सिद्धि और सफलता, आर्थिक प्रगति, लक्ष्मी-प्राप्ति और धन-संवृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
यह मंत्र-लेखन आपके जीवन में शुभता, समृद्धि, सुरक्षा और धन-वृद्धि का प्रकाश फैलाए। माता की स्तम्भिनी शक्ति आपके शत्रु-विघ्न का नाश करे, वाणी को सिद्धि दे, धन का मार्ग खोले, और हर कार्य में विजय दिलाए। जय माँ पीताम्बरा।
भक्तों से निवेदन (नियमावली – बगलामुखी बीज मंत्र लेखन पुस्तिका)
01. माँ बगलामुखी के पवित्र बीज मंत्र ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी स्वाहा’ का प्रत्येक लेख Pitambara Lok Bank में जीवन- पर्यन्त सुरक्षित रूप से संरक्षित रहेगा। इस दिव्य लेखन से साधक को मां बगलामुखी का अखंड आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में स्थिरता, सुरक्षा व सिद्धि का द्वार खुलता है।
02. इस लेखन पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर लिखे गए बीज मंत्र ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी स्वाहा’ का समस्त पुण्य-फल गुरुजी के चरणों में समर्पित होकर उन्हें दिव्य सिद्धि, आयु, तेज और शक्ति प्रदान करे—यही हमारी हृदयपूर्वक प्रार्थना है।
03. विश्व का कोई भी व्यक्ति किसी भी भाषा में बगलामुखी बीज मंत्र लिखकर पीताम्बरा लोक का सदस्य बन सकता है।
04. पीले रंग की पेन से लिखना अति श्रेयस्कर माना गया है, क्योंकि माँ बगलामुखी का रंग पीत है।
05. पुस्तिका को भक्ति भाव से लिखें, किसी भी नकारात्मक स्थिति या क्रोध के समय लेखन न करें।
06. हर लेखन पूर्ण श्रद्धा, न्याय, सत्य और सत्कर्म की भावना से करें।
07. साधना में सिद्धि हेतु लिखते समय यह भाव रखें कि — “माँ बगलामुखी मेरे हर संकट को दूर कर, मेरे पक्ष में परिस्थितियाँ स्तम्भित कर रही हैं।”
08. मंत्र लिखते समय टीवी, मोबाइल, शोर-शराबा, तम्बाकू, मांस-मदिरा आदि से दूर रहें।
09. लेखन सकल या निकट-सकल, दोनों प्रकार से स्वीकार्य है।
10. इस पुस्तिका में लगभग 3,600 बार मंत्र लेखित किया जा सकता है। एक दिन में दो पृष्ठ लिखें तो एक पुस्तिका लगभग 15 दिन चलती है।
11. लेखन करते समय पुस्तिका को स्वच्छ कपड़े में रखें और आदरपूर्वक संभालें।
12. यदि संभव हो तो हर कॉपी के प्रारम्भ में एक बार मां बगलामुखी का ध्यान लिखें— “ॐ बगलामुखी देव्यै नमः।”
13. गुरु की आज्ञा अनुसार पूरा लेखन करने वाले साधक को विशेष सिद्धि, बाधा-निवारण व विजय-प्राप्ति की कृपा प्राप्त होती है।
14. पूरी पुस्तिका पूर्ण भक्ति से लिखने पर साधक के जीवन में साहस, निर्णय-शक्ति, भय-नाश और कार्य-सिद्धि स्वतः प्रकट होती है।
15. यह जागृत की गई पवित्र लेखन-पुस्तिका है, कृपया इसे हमेशा किसी पवित्र स्थान पर ही रखें।
जो श्रद्धालु माँ बगलामुखी बीज मंत्र लेखन पुस्तिका मंगवाना चाहते हैं, 3600 रुपये में 100 कॉपी प्राप्त करें।
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